नई दिल्ली,24 अगस्त(एजेंसी) इंफोटेंमेंट क्षेत्र के अग्रणी समूह टीवी 18 इंडिया की इंटरनेट शाखा वेब18 एक महत्वपूर्ण कदम के तहत क्रिकेट नेक्स्ट डाट काम कम्पेयर इंडिया डाट काम और अर्बन आई पोर्टलों का अधिग्रहण करेगी।
इनमें क्रिकेट नेक्स्ट डाट काम और कम्पेयर इंडिया डाट काम खुरदा क्षेत्र के अग्रणी पोर्टल हैं। क्रिकेट नेक्स्ट डाट काम देश का बेहद लोकप्रिय खेल पोर्टल है। क्रिकेट के समाचार देने वाले इस पोर्टल का 50 लाख से भी अधिक लोग इस्तेमाल करते हैं। उत्पादों का तुलनात्मक विश्लेषण करने वाले पोर्टल कम्पेयर इंडिया का इस्तेमाल 20 लाख से अधिक लोग करते हैं।
क्रिकेट नेक्स्ट डाट काम टीवी 18 के आनलाइन समाचार पोर्टल आईबीएन तथा आईबीएन-7 चैंनलों के साथ मिलकर काम करेगा । कम्पेयर इंडिया डाट काम समूह के वित्तीय पोर्टल मनी कंट्रोल डाट काम तथा हिंदी चैनल आवाज़ के साथ काम करेगा। वेब डिजायन और प्रौधोगिकी से संबंधित पोर्टल अर्बन आई में 50 से अधिक विशेषज्ञ पेंशेवर काम करते है और यह वेब 18 के संचालन मे मदद करेगा।
Thursday, August 24, 2006
दिल में इक लहर सी उठी है अभी
रायपुर, 24 अगस्त(ई छत्तीसगढ़) खबरों की दुनियां में तेजी से लोकप्रिय हो रहा छत्तीसगढ़ राज्य का हिन्दी अखबार " छत्तीसगढ' अब जल्द ही नेट पर उपलब्ध होगा। वरिष्ठ पत्रकार/संपादक सुनील कुमार के इस अखबार में समाचार,विचार और नई सूचनाओं का ज़खीरा है, नेट पर छत्तीसगढ़ की उपलब्धता सें बहुत सी जिज्ञासा का समाधान होंगा और पाठकों को विश्वसनीय खबरो का नया स्रोत हासिल होगा, दुनिया भर में हिन्दी ज़ुबान बोलने, पढने लिखने और समझने वालों के लिए इस सूचना और ज्ञान के केन्द्र के ठिकाने का पता है
www.dailychhattisgarh.com
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Monday, August 21, 2006
मुंशी प्रेमचंद को सलाम
हिन्दी साहित्य और उर्दू अदब के अज़ीम कलमकार मुंशी प्रेमचंद की 125 वीं जयंती के अवसर पर ई-छत्तीसगढ़ की ओर से श्रद्धा सुमन अर्पित है साहित्य जगत में प्रेमचंद की तुलना किसी और से करना किसी सूरत में मुनासिब नहीं होगा । वे सिर्फ हिन्दुस्तान ही नही दुनिया भर के हिन्दुस्तानी जुबान बोलने वाले लाखों करोड़ो लोगों के बीच एक अहम स्थान रखते हैं। प्रेमचंद को लेकर पड़ोसी देश पाकिस्तान के साहित्यकार किस तरह सोचते है- यहां प्रस्तुत करते हुए हमें हर्ष और गौरव की अनुभूति हो रही है (ज़ियाकुरैशी)
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हिन्दी के अमर कथाकार मुंशी प्रेमचंद जितने भारत में लोकप्रिय है, उसमें कम लोकप्रिय पाकिस्तान में नहीं है। यह कहना है प्रेमचंद की 125 वीं जयंती के समापन समारोह के सिलसिले में भारत आए पाकिस्तानी लेखकों का। इन लेखकों ने कहा कि प्रेमचंद पर हमारा हक ज्यादा बनता है, क्योकि वह पहले उर्दू के लेखक है जो बाद में वह हिन्दी में आए।
कहानीकार मसूद अगशर, नाटककार सैयद असगर नदीम और मिर्जा हामिद बेग ने कहा कि प्रेमचंद ने उर्दू अफसानी की बुनियाद रखी है। उनके बगैर उर्दू अदब की कल्पना नहीं की जा सकती है। अशर ने बताया कि प्रेमचंद की पुस्तके पाकिस्तान में मैट्रिक से लेकर एम.ए. तक के पाठ्यक्रमों में पढ़ाये जाते है इसी से आप अंदाजा लगा सकते है कि वह वहां कितने लोकप्रिय है। अशर ने बताया कि प्रेमचंद हमारे लिए बापू की तरह है और वह भारतीय उपमहाद्वीप के सबसे बडे एवं प्रतिनिधि रचनात्कार है वह इस उपमहाद्वीप की सभ्यता के व्याख्याकार है।
वह भारत और पाकिस्तान के बीच दोस्ती के सेतू के समान है। उन्होने बताया कि प्रेमचंद की 125 वीं जयंती पाकिस्तान में भी मनायी गई और कई शहरों में प्रेमचंद की दो कहानियों कफन और अमावस की रात का नाटय मंचन भी किया जिस लोगों ने काफी सराहा। साथ ही पाक लेखकों ने यह भी कहा कि पाकिस्तान और हिन्दुस्तान के साहित्य की मूल संवेदना एक ही है। दोनों देश के लेखकों में कोई मतभेद नहीं है। अगर भारत और पाकिस्तान के बीच कोई दूरी है तो वह सियासी स्तर पर है।
(साभार द सॅल्यूशन)
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हिन्दी के अमर कथाकार मुंशी प्रेमचंद जितने भारत में लोकप्रिय है, उसमें कम लोकप्रिय पाकिस्तान में नहीं है। यह कहना है प्रेमचंद की 125 वीं जयंती के समापन समारोह के सिलसिले में भारत आए पाकिस्तानी लेखकों का। इन लेखकों ने कहा कि प्रेमचंद पर हमारा हक ज्यादा बनता है, क्योकि वह पहले उर्दू के लेखक है जो बाद में वह हिन्दी में आए।
कहानीकार मसूद अगशर, नाटककार सैयद असगर नदीम और मिर्जा हामिद बेग ने कहा कि प्रेमचंद ने उर्दू अफसानी की बुनियाद रखी है। उनके बगैर उर्दू अदब की कल्पना नहीं की जा सकती है। अशर ने बताया कि प्रेमचंद की पुस्तके पाकिस्तान में मैट्रिक से लेकर एम.ए. तक के पाठ्यक्रमों में पढ़ाये जाते है इसी से आप अंदाजा लगा सकते है कि वह वहां कितने लोकप्रिय है। अशर ने बताया कि प्रेमचंद हमारे लिए बापू की तरह है और वह भारतीय उपमहाद्वीप के सबसे बडे एवं प्रतिनिधि रचनात्कार है वह इस उपमहाद्वीप की सभ्यता के व्याख्याकार है।
वह भारत और पाकिस्तान के बीच दोस्ती के सेतू के समान है। उन्होने बताया कि प्रेमचंद की 125 वीं जयंती पाकिस्तान में भी मनायी गई और कई शहरों में प्रेमचंद की दो कहानियों कफन और अमावस की रात का नाटय मंचन भी किया जिस लोगों ने काफी सराहा। साथ ही पाक लेखकों ने यह भी कहा कि पाकिस्तान और हिन्दुस्तान के साहित्य की मूल संवेदना एक ही है। दोनों देश के लेखकों में कोई मतभेद नहीं है। अगर भारत और पाकिस्तान के बीच कोई दूरी है तो वह सियासी स्तर पर है।
(साभार द सॅल्यूशन)
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