द्धापर युग में जब महाराज युधिष्ठिर अपने चारों भाइयों के साथ तीर्थयात्रा पर जा रहे थे तों रास्ते में यक्ष ने उनसे कुछ सवाल पूछे इनमें से एक सवाल यह था कि हवा से तेज गति किसकी हैं। जवाब में युधिष्ठिर ने कहा कि मन सर्वाधिक तेज चलता है यह उत्तर ठीक था लेकिन यही सवाल अगर उनसे आज पूछा जाता तो शायद जवाब में मन की जगह कंम्प्यूटर चिप होता।
कंम्प्यूटर के पलक झपकते ही डाटा उपलब्ध कराने में सिलिकॉन चिप का विशेष महत्व होता है । अब इसके विकास में शोधकर्ता एक साथ कई कदम आगे कूद गए हैं उन्होने एक ऐसी चिप के निर्माण का दावा किया है जो शायद आपको पलक झपकाने का मौका भी न दे। बाजार में इस चिप के आने के बाद अल्ट्राफास्ट कम्प्युटर के निर्मण का एक नया युग शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है।
जी हॉ कंम्प्यूटर बनाने वाली विश्व की सबसे बड़ी कंपनी आईबीएम और जार्जिया टेक ने अब तक के सबसे तीव्रतम गति वाली चिप बनाने का दावा किया है। 500 गीगा हटर्ज की गति वाली यह चिप इस समय बाजार में मौजूद कंम्प्युटर चिप की तुलना में 125 गुणा अधिक तेजी से काम करती है। इसके अलावा यह मोबाइल फोन में इस्तेमाल हो रही वर्तमान चिप से 250 गुणा अधिक तेजी से डाटा ट्रांसफर कर सकती है।
सिलिकॉन जर्मेनियम आधारित यह चिप ठंडे वातावरण में अधिक सुगमता से काम करती है इसको 500 गीगा हट्रर्ज की क्षमता से लैस करने के लिए शोधकर्ताओं ने निर्माण प्रक्रिया के दौरान चिप को 268 डिग्री पर ठंड़ा किया सामान्य तापक्रम पर यह 350 गीगा हट्रर्ज की गति से काम करती हैं।
अपने घरेलू कंम्प्यूटरों में इसकी क्षमता हासिल करने के लिए अभी उपभोक्ताओं को एक दो साल का इंतजार करना होगा। इसके शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि आने वाले दिनो में अंतरिक्ष व सैन्य गतिविधियों के क्षेत्र में इस चिप के प्रयोग से नए आयाम हासिल किए जा सकेंगे। डीवीडी क्वालिटी की पिक्चर को चलाने में तो इसे पांच सेकेंड से भी कम समय लगेगा । जार्जिया टेक स्कूल ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड कंम्प्युटर इंजीनियरिंग के प्रोफेसर जॉन क्रेसलर ने कहा कि इस चिप के निर्माण से मिली सफलता से यह साबित होता है कि आने वाले दिनों मे हम इससे आगे जा सकतेहैं।(साभार—द सॅल्यूशन)
Sunday, August 06, 2006
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1 comment:
हिन्दी ब्लॉग जगत के इस चिट्ठे पर मैं पहली बार आया हूं. ज़िया जी आपका स्वागत है.
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